भारत माता का मंदिर यह, समता का संवाद जहां,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
जाति, धर्म या सम्प्रदाय का नहीं भेद व्यवधान यहाँ,
सबका स्वागत, सबका आदर, सबका सम सम्मान यहाँ.
राम-रहीम, बुद्ध-ईसा, का सुलभ एक सा ध्यान यहाँ,
भिन्न भिन्न भव-संस्कृतियों के गुण-गौरव का ज्ञान यहाँ.
नहीं चाहिए बुद्धि बैर की, भला प्रेम उन्माद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
सब तीर्थों का एक तीर्थ यह, ह्रदय पवित्र बना लें हम,
आओ, यहाँ अजातशत्रु बन, सबको मित्र बना लें हम.
रेखाएं प्रस्तुत हैं, अपने मन के चित्र बना लें हम,
सौ-सौ आदर्शों को लेकर एक चरित्र बना लें हम.
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर उठे एक जयनाद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
मिला सत्य का हमें पुजारी, सफल काम उस न्यायी का,
मुक्ति-लाभ कर्त्तव्य यहाँ है, एक-एक अनुयायी का.
बैठो माता के आँगन में, नाता भाई भाई का.
एक साथ मिल बैठ बाँट लो, अपना हर्ष विषाद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
जाति, धर्म या सम्प्रदाय का नहीं भेद व्यवधान यहाँ,
सबका स्वागत, सबका आदर, सबका सम सम्मान यहाँ.
राम-रहीम, बुद्ध-ईसा, का सुलभ एक सा ध्यान यहाँ,
भिन्न भिन्न भव-संस्कृतियों के गुण-गौरव का ज्ञान यहाँ.
नहीं चाहिए बुद्धि बैर की, भला प्रेम उन्माद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
सब तीर्थों का एक तीर्थ यह, ह्रदय पवित्र बना लें हम,
आओ, यहाँ अजातशत्रु बन, सबको मित्र बना लें हम.
रेखाएं प्रस्तुत हैं, अपने मन के चित्र बना लें हम,
सौ-सौ आदर्शों को लेकर एक चरित्र बना लें हम.
कोटि-कोटि कंठों से मिलकर उठे एक जयनाद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
मिला सत्य का हमें पुजारी, सफल काम उस न्यायी का,
मुक्ति-लाभ कर्त्तव्य यहाँ है, एक-एक अनुयायी का.
बैठो माता के आँगन में, नाता भाई भाई का.
एक साथ मिल बैठ बाँट लो, अपना हर्ष विषाद यहाँ,
सबका शिव-कल्याण यहाँ है, पावें सभी प्रसाद यहाँ.
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