जीवन शाप या वरदान?
सुप्त को तुमने जगाया,
मौन को मुखरित बनाया,
करुण क्रंदन को बताया क्यों मधुरतम गान ?
जीवन शाप या वरदान?
सजग फिर से सुप्त होगा,
गीत फिर से गुप्त होगा,
मध्य से अवसाद का ही क्यों किया सम्मान ?
जीवन शाप या वरदान?
पूर्ण भी जीवन करोगे,
हर्ष से क्षण क्षण मरोगे,
तो न कर दोगे उसे क्या एक दिन बलिदान ?
जीवन शाप या वरदान?
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