विष का स्वाद बताना होगा !
ढाली थी मदिरा की प्याली,
चूसी थी अधरों की लाली,
कालकूट आनेवाला अब, देख नहीं घबराना होगा !
विष का स्वाद बताना होगा !
आँखों से यदि अश्रु छनेगा,
कटुतर यह कटु पेय बनेगा,
ऐसे पी सकता है कोई, तुझको पी मुस्काना होगा !
विष का स्वाद बताना होगा !
गरल पान करके तू बैठा,
फेर पुतलियाँ कर-पग ऐंठा,
यह कोई कर सकता, मुर्दे, तुझको अब उठ गाना होगा !
________________________